गिरिराज सिंह: बिहार से दिल्ली तक का सफर - मंत्री, नेता और विचारधारा

बेगूसराय (बिहार) से सांसद गिरिराज सिंह 2024 में केंद्र सरकार में वस्त्र मंत्री बने। इससे पहले, उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), पशुपालन, और ग्रामीण विकास और पंचायती राज जैसे अहम मंत्रालयों को संभाला है। उनकी राजनीति विकास के एजेंडे और हिंदुत्ववादी विचारों के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जिसकी वजह से वे हमेशा चर्चा में बने रहे।


परिचय

गिरिराज सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक अनुभवी नेता हैं। 2024 से, वे केंद्र सरकार में वस्त्र मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी खास जगह बनाई है, जहाँ उन्होंने संगठन और सरकार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।
गिरिराज सिंह 17वीं और 18वीं लोकसभा में बेगूसराय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पहले, उन्होंने MSME मंत्रालय, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, और ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय जैसे अहम विभागों का नेतृत्व किया है। इससे पता चलता है कि उनकी नीतियों का असर कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्योगों तक फैला हुआ है।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

गिरिराज सिंह का जन्म 8 सितंबर 1952 को बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामअवतार सिंह और माता का नाम तारा देवी था। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। अपने शुरुआती जीवन में, उन्होंने कृषि और ग्रामीण समाज को करीब से देखा, जिसने उनके आगे के जीवन को दिशा दी।
उनकी पत्नी का नाम उमा सिन्हा है, और उनकी एक बेटी है। वे एक साधारण और किसान परिवार की पृष्ठभूमि से आते हैं, और इसी रूप में जाने जाते हैं।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

  • शुरुआत में, गिरिराज सिंह संगठन में काफी सक्रिय रहे। फिर, 2002 में, वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने और 2014 तक इस पद पर रहे। इस दौरान, उन्होंने सहकारिता मंत्री और पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री जैसे पदों पर भी काम किया।
  • 2014 के आम चुनाव में, वे नवादा से लोकसभा के लिए चुने गए। सितंबर 2014 से, उन्होंने संसदीय समितियों और MSME मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर काम किया। बाद में, उन्हें स्वतंत्र प्रभार भी मिला, और वे केंद्र सरकार में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में उभरे।
  • 2019 में, गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव जीते और केंद्र सरकार में मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बने। 2021 में, उन्हें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनाया गया, और 2024 में, उन्होंने वस्त्र मंत्री का पद संभाला।

मुख्य उपलब्धियाँ

  • केंद्र सरकार में, गिरिराज सिंह ने MSME से लेकर पशुपालन, डेयरी, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और वस्त्र जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में नीतियों और कार्यक्रमों पर ध्यान दिया। 2019 में, उन्होंने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का नेतृत्व किया, जो उनकी प्रशासनिक क्षमता को दिखाता है।
  • वस्त्र मंत्री के रूप में, वे उद्योग को बढ़ावा देने, निर्यात बढ़ाने और वैल्यू चेन को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार 2030 तक भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को 350 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य बना रही है, और जूट उद्योग को फिर से जीवित करने की योजना पर काम कर रही है।
  • ग्रामीण विकास के क्षेत्र में, उन्होंने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल करने जैसे प्रयासों को बढ़ावा दिया है, जिससे विकास को गति मिली है। उन्होंने यह भी कहा है कि इससे देश की जीडीपी पर अच्छा असर पड़ा है। इसके अलावा, उन्होंने बिहार में गंगा नदी पर बन रहे पुलों जैसे बुनियादी ढाँचे के विकास की भी सराहना की है।

विवाद

  • 2014 में, गिरिराज सिंह ने एक बयान दिया था कि जो लोग नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं, वे पाकिस्तान समर्थक हैं। इस बयान की काफी आलोचना हुई थी, और खबरों के मुताबिक, पार्टी के नेताओं ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी थी।
  • 2020 में, CAA और NRC के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि विभाजन के समय मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने में गलती हुई थी, जिसकी वजह से देश को नुकसान हुआ है। इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ था।
  • 2024 में, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि विभाजन के बाद भारत में मुसलमानों को रहने देना सबसे बड़ी गलती थी। इस बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई थी, और इसे सामाजिक सद्भाव के खिलाफ माना गया था।

समाज और देश पर प्रभाव

गिरिराज सिंह के समर्थक उन्हें एक विकास-उन्मुख, कृषि और ग्रामीण मुद्दों की समझ रखने वाला और स्पष्टवादी नेता मानते हैं। उन्होंने बिहार की राजनीति में संगठन से लेकर सरकार तक लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
दूसरी ओर, उनके विरोधी उनके बयानों को सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा मानते हैं। खासकर CAA और NRC पर उनके बयानों को राष्ट्रीय विमर्श को बांटने वाला माना जाता है।


विरासत

आज, गिरिराज सिंह की छवि एक प्रभावशाली लेकिन विवादित नेता की है। उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया है, और वे बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आने वाली पीढ़ी उनसे संगठनात्मक अनुशासन, प्रशासनिक कौशल और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना सीख सकती है। साथ ही, उन्हें सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने और समावेशी भाषा का उपयोग करने का सबक भी मिलता है।

निष्कर्ष

गिरिराज सिंह का राजनीतिक जीवन बिहार से शुरू होकर केंद्र सरकार तक फैला हुआ है। उन्होंने कई तरह के अनुभव प्राप्त किए हैं, और उनकी नीतियों और बयानों ने उन्हें भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद व्यक्ति बना दिया है।

मुख्य तथ्य

  • जन्म: 8 सितंबर 1952, बड़हिया, लखीसराय, बिहार
  • परिवार: पिता: रामअवतार सिंह; माता: तारा देवी; पत्नी: उमा सिन्हा; संतान: 1 पुत्री
  • शिक्षा: स्नातक, मगध विश्वविद्यालय
  • प्रारंभिक राजनीति: बिहार विधान परिषद सदस्य (2002–2014)
  • बिहार सरकार में पद: सहकारिता मंत्री (2005–2010); पशुपालन–मत्स्य संसाधन मंत्री (2010–2013) 
  • लोकसभा: नवादा (2014); बेगूसराय (2019, 2024)
  • केंद्र सरकार में ज़िम्मेदारियाँ: राज्य मंत्री, MSME (2014–2017); MoS (स्व. प्रभार) MSME (2017–2019)
  • कैबिनेट मंत्री पद: मत्स्य–पशुपालन–डेयरी (2019–2021); ग्रामीण विकास व पंचायती राज (2021–2024); वस्त्र (2024–वर्तमान)
  • वर्तमान भूमिका: केंद्रीय वस्त्र मंत्री; सांसद, बेगूसराय
  • उल्लेखनीय सार्वजनिक बयान (विवाद): 2014 “पाकिस्तान” संदर्भ; 2020 CAA–NRC संदर्भ में ‘मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने’ वाली टिप्पणी; 2024 में विभाजन–उपरांत ‘सबसे बड़ी गलती’ टिप्पणी

पाठकों के लिए विचारणीय प्रश्न

  • क्या विकास का एजेंडा और ध्रुवीकरण वाले बयान एक साथ राजनीतिक ताकत बनाते हैं, या लंबे समय में सामाजिक विश्वास को कम करते हैं?
  • मत्स्य, पशुपालन, डेयरी से लेकर वस्त्र उद्योग तक के मंत्रालयों में विविधता भारतीय ग्रामीण और औद्योगिक नीति में किस तरह निरंतरता या बदलाव दिखाती है?
  • बिहार की राजनीति में संगठनात्मक अनुभव रखने वाले नेताओं की राष्ट्रीय नीति-निर्माण में भागीदारी राज्य और केंद्र के संबंधों को कैसे प्रभावित करती है?

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