Meta ने जानी-मानी चश्मा कंपनी Ray-Ban के साथ मिलकर नए स्मार्ट ग्लास लॉन्च किए हैं, जिनमें सीधे ग्लास में ही डिस्प्ले लगा हुआ है। इन्हें Ray-Ban Display नाम दिया गया है। Meta का कहना है कि इन ग्लास से नोटिफिकेशन देखना, रास्तों का पता लगाना और ज़रूरी जानकारी देखना बहुत आसान हो जाएगा।
नई सीरीज की शुरुआत
- Meta ने अपने स्मार्ट ग्लास के कलेक्शन में एक और नया नाम जोड़ा है - Ray-Ban Display। इस नई सीरीज की सबसे खास बात है इसका इन-बिल्ट डिस्प्ले, जो पहनने वाले की आँखों के सामने ज़रूरी जानकारी दिखाता है। अभी तक स्मार्ट ग्लास में आवाज़ का इस्तेमाल ज़्यादा होता था, लेकिन अब इन ग्लास से आप देख भी सकेंगे।
- कंपनी का कहना है कि ये डिस्प्ले आपको मैसेज, कॉल, रास्ते और दूसरी ज़रूरी चीजें तुरंत दिखाएगा। शुरुआत में कंपनी का ध्यान क्विक-ग्लांस एक्सपीरियंस पर है, जिसका मतलब है कि आप एक नज़र में जानकारी देख सकें और आपको बार-बार स्क्रीन देखने की ज़रूरत न पड़े।
- Meta और Ray-Ban पहले भी साथ काम कर चुके हैं। नई Display सीरीज में फैशन और टेक्नोलॉजी को साथ लाने की कोशिश की गई है, ताकि ये स्मार्ट फीचर्स आम चश्मे की तरह ही दिखें और पहनने में आरामदायक हों।
डिस्प्ले कैसे काम करता है
- कंपनी ने डिस्प्ले की तकनीकी जानकारी अभी पूरी तरह से नहीं बताई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें माइक्रोLED या लेज़र प्रोजेक्शन और वेवगाइड लेंस का इस्तेमाल किया गया है। इस तरह के सेटअप से कम रोशनी में भी डिस्प्ले साफ दिखता है और तेज़ रोशनी में भी देखने में कोई परेशानी नहीं होती।
- इन-बिल्ट डिस्प्ले का मुख्य काम ज़रूरी टेक्स्ट और आइकन को दिखाना है। इसमें रास्ते के निशान, टाइमर, गाने बदलने के ऑप्शन, कॉल करने वाले का नाम और तुरंत ट्रांसक्रिप्शन जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं। इसका मकसद है कि आपको अपना फोन निकाले बिना ज़रूरी जानकारी मिल जाए।
- ऐसे डिस्प्ले में बैटरी की खपत और गर्मी को कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी होता है। हल्के फ्रेम, सही वज़न और कम बिजली इस्तेमाल करने वाले ऑप्टिक्स से ही ये ग्लास सफल हो पाएंगे। कंपनी का दावा है कि बैटरी को इस्तेमाल के हिसाब से सेट किया गया है और इसमें ब्राइटनेस कंट्रोल भी है, जिससे ये रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।
खास फीचर्स और इस्तेमाल के तरीके
- मैसेज और अलर्ट: ज़रूरी मैसेज, कॉल और रिमाइंडर आपको तुरंत दिख जाएंगे, जिससे आपका ध्यान कम भटकेगा।
- रास्ता देखना: पैदल या साइकिल चलाते समय रास्ते के निशान और टर्न-बाय-टर्न इंडिकेटर आपको आँखों के सामने दिखेंगे।
- बातचीत: कॉल उठाना या काटना, जल्दी से जवाब देना और आवाज से चलने वाले असिस्टेंट के साथ विज़ुअल फीडबैक।
- अनुवाद: मीटिंग, लेक्चर या यात्रा के दौरान छोटे-छोटे कैप्शन के ज़रिए आप बेहतर समझ पाएंगे।
- कैमरा: फोटो या वीडियो लेते समय फ्रेमिंग के लिए मिनी-ओवरले, बैटरी और स्टोरेज की जानकारी और रिकॉर्डिंग इंडिकेटर।
- सुरक्षा: रिकॉर्डिंग के दौरान एक लाइट जलेगी और सॉफ्टवेयर में भी कुछ पाबंदियां होंगी।
Meta और Ray-Ban की साझेदारी
- Meta और Ray-Ban ने 2021 में Ray-Ban Stories के साथ शुरुआत की थी, जिसमें कैमरा, स्पीकर और माइक्रोफोन थे। बाद में, उन्होंने कैमरे और माइक्रोफोन को और बेहतर बनाया और AI असिस्टेंट भी जोड़ा, लेकिन उनमें डिस्प्ले नहीं था।
- Ray-Ban Display इसी साझेदारी का अगला कदम है, जिसमें अब आवाज़ और कैमरे के साथ-साथ देखने का भी एक्सपीरियंस मिलेगा। Ray-Ban हमेशा से फैशन पर ध्यान देता रहा है, इसलिए डिस्प्ले को भी इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि ये रोज़मर्रा के चश्मे की तरह ही दिखें।
- AR और स्मार्ट ग्लास के बाज़ार में Google Glass और Snap Spectacles जैसे कई प्रोडक्ट्स आए और गए। लोगों ने बैटरी, वज़न, कीमत और प्राइवेसी जैसी चीज़ों को लेकर चिंता जताई है। Meta को उम्मीद है कि उनका लाइफस्टाइल-ओरिएंटेड डिज़ाइन और आसान विज़ुअल इंटरफ़ेस लोगों को पसंद आएगा।
प्राइवेसी और सुरक्षा
- इन-बिल्ट डिस्प्ले के साथ प्राइवेसी को लेकर दो तरह की चिंताएं हैं - रिकॉर्डिंग और डिस्प्ले। लोगों की सहमति के बिना रिकॉर्डिंग करना गलत माना जा सकता है। इसलिए, रिकॉर्डिंग के दौरान लाइट जलना, रिकॉर्डिंग का लॉग रखना और सेंसिटिव फीचर्स को डिफ़ॉल्ट रूप से बंद रखना ज़रूरी है।
- डेटा की सुरक्षा के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, डिवाइस पर ही प्रोसेसिंग और कम से कम डेटा रखना ज़रूरी है। भारत में, डेटा प्रोटेक्शन के लिए DPDP Act 2023 और IT नियम लागू हैं। लोकेशन, ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट और बायोमेट्रिक इनपुट के लिए लोगों से सहमति लेना और उन्हें ऑप्ट-आउट का विकल्प देना ज़रूरी होगा।
- कंपनियां और स्कूल भी पहनने वाले कैमरा या डिस्प्ले डिवाइस पर नियम बना रहे हैं। नई सीरीज के साथ, मीटिंग या क्लास में रिकॉर्डिंग लाइट को चालू रखना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में इसे बंद रखना और सेंसिटिव जगहों पर ऑटो-डिसेबल करना ज़रूरी होगा।
बाज़ार पर असर
- स्मार्ट वियरेबल्स का बाज़ार अब ऑडियो-वियरेबल्स और स्मार्टवॉच से आगे बढ़कर हैड्स-अप इन्फॉर्मेशन की तरफ बढ़ रहा है। Ray-Ban Display इसी गैप को भरने की कोशिश कर रहा है, जहाँ लोग फोन देखे बिना ज़रूरी जानकारी पा सकते हैं।
- बाज़ार में पहले से ही हल्के AR ग्लास, एंटरप्राइज-फोकस्ड डिवाइस और कैमरा-सेंट्रिक स्मार्ट ग्लास मौजूद हैं। Meta को Ray-Ban के फैशन ब्रांड, सोशल और AI इकोसिस्टम और डेवलपर समुदाय से फायदा मिल सकता है। चुनौती ये है कि लोगों का प्राइवेसी पर भरोसा बनाए रखना, बैटरी और वज़न को संतुलित रखना और ऐसे इस्तेमाल के तरीके ढूंढना जो लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काम आएं।
- इससे एक्सेसरीज़ और प्रीमियम आईवियर सेगमेंट में नई मांग पैदा हो सकती है और रिपेयर, लेंस-रीफिट और सर्विस नेटवर्क की भी ज़रूरत बढ़ेगी, जिससे स्थानीय नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं।
कीमत और उपलब्धता
- कंपनी ने अभी तक कीमत और उपलब्धता के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है। Ray-Ban के चश्मे अलग-अलग स्टाइल (जैसे Wayfarer, Headliner) और लेंस विकल्प (ट्रांसपेरेंट, सन, प्रिस्क्रिप्शन-रेडी) में आते हैं। उम्मीद है कि Display सीरीज में भी कई विकल्प मिलेंगे।
- भारत जैसे देशों में, सर्टिफिकेशन, इम्पोर्ट और आफ्टर-सेल्स सर्विस को देखते हुए ये चश्मे धीरे-धीरे लॉन्च किए जाएंगे। शुरुआत में ये कुछ ही बाज़ारों में मिलेंगे और फिर मांग और सप्लाई के हिसाब से इनकी उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।
- प्रिस्क्रिप्शन लेंस, वारंटी और रीसाइक्लिंग प्रोग्राम जैसे फैसले लोगों के लिए बहुत ज़रूरी होंगे। अगर कंपनी सब्सक्रिप्शन-आधारित फीचर्स या AI सर्विस देती है, तो इसकी कीमत और वैल्यू पर असर पड़ेगा।
डेवलपर इकोसिस्टम
- डिस्प्ले वाले स्मार्ट ग्लास के लिए डेवलपर टूलकिट बहुत ज़रूरी होगा। आसान UI, कम-लेटेंसी रेंडरिंग और बैटरी-अवेयर API से ऐप की क्वालिटी बेहतर होगी। मैसेज, रास्ता, ट्रांसक्रिप्शन, फिटनेस और मीडिया कंट्रोल जैसी कैटेगरी में ऐप बनाने के मौके मिलेंगे।
- अगर आप फोन पर कुछ कर रहे हैं और उसका नोटिफिकेशन ग्लास पर दिखता है, तो ये एक्सपीरियंस बहुत अच्छा होगा। बड़े फॉन्ट, हाई-कंट्रास्ट थीम और वॉइस-टू-टेक्स्ट सपोर्ट से ज़्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर पाएंगे।
- डेवलपर्स के लिए ज़रूरी है कि वे स्पष्ट प्राइवेसी पॉलिसी अपनाएं और रिव्यू प्रोसेस रखें, ताकि संवेदनशील कंटेंट पर कंट्रोल बना रहे। भारतीय भाषाओं में लोकलाइज़ेशन से इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी।
भारत में इस्तेमाल
- भारत में शहरों में घूमना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना और पैदल चलने के लिए ये ग्लांसेबल दिशा-सूचक बहुत काम आ सकते हैं। डॉक्टरों, फील्ड सर्वे टीम और पत्रकारों के लिए नोट लेना, टाइम-स्टैम्प्ड कैप्शन और सेफ्टी अलर्ट बहुत फायदेमंद होंगे।
- DPDP Act 2023 के तहत, लोगों की सहमति से डेटा प्रोसेस करना, सेंसिटिव जगहों पर रिकॉर्डिंग को रोकना और बच्चों के आसपास सावधानी बरतना ज़रूरी होगा। स्कूल और कॉलेज अपने कैंपस में पहनने वाले कैमरा या डिस्प्ले डिवाइस पर नियम बना सकते हैं।
- लोगों को रिकॉर्डिंग के बारे में पता चलना चाहिए और उन्हें रिकॉर्डिंग, म्यूट और डिसेबल करने का कंट्रोल मिलना चाहिए। अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये टेक्नोलॉजी लोगों की सुरक्षा और उत्पादकता दोनों को बढ़ा सकती है।
आगे की राह
- इन-बिल्ट डिस्प्ले वाले स्मार्ट ग्लास की सबसे बड़ी दिक्कतें बैटरी, रोशनी में देखने में दिक्कत और पहनने में आराम हैं। अगर डिवाइस हल्का हो और पूरे दिन चल सके, तभी लोग इसका इस्तेमाल करेंगे।
- इसमें रियल-टाइम भाषा अनुवाद, संदर्भ के हिसाब से खोज, फिटनेस और हेल्थ की जानकारी और कैमरे से जुड़े AR ओवरले जैसी संभावनाएं हैं। जैसे-जैसे ऑप्टिक्स और AI बेहतर होंगे, डिस्प्ले कंटेंट और भी बेहतर हो सकता है।
- जानकारों का मानना है कि ग्लांस-फर्स्ट रणनीति, भारी-भरकम AR हेडसेट से ज़्यादा सफल हो सकती है। Meta की Ray-Ban Display सीरीज इसी दिशा में एक कदम है।
निष्कर्ष
Meta की Ray-Ban Display सीरीज स्मार्ट ग्लास को आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश है। कंपनी ने इसे रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए ग्लांसेबल जानकारी तक सीमित रखा है, जिससे उपयोगिता और प्राइवेसी के बीच संतुलन बना रहे। कीमत और उपलब्धता के बारे में ज़्यादा जानकारी मिलने पर तस्वीर और साफ होगी। अगर बैटरी, वज़न और देखने में आने वाली दिक्कतों को दूर कर लिया जाता है, तो ये सीरीज वियरेबल बाज़ार में एक नई दिशा तय कर सकती है।


