बिहार के रोहतास जिले में, कैमूर पर्वत श्रृंखला की विशाल चट्टानों के ऊपर, लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर, रोहतासगढ़ किला खड़ा है। यह सिर्फ एक किला नहीं, बल्कि इतिहास की एक जीवंत कहानी है, जो सोन नदी घाटी पर अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण सदियों से निगरानी रखता आया है।
किंवदंतियों और इतिहास की कहानी
स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, इस किले का नाम राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व के नाम पर रखा गया है। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से, किले का महत्व 1539 में शेरशाह सूरी के कब्जे के बाद शुरू होता है। 1543 में, यहां जामा मस्जिद का निर्माण हुआ, और बाद में, अकबर के सूबेदार राजा मान सिंह ने यहां महल, सराय और बाग-बगीचे बनवाए, जिससे यह किला एक महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक केंद्र बन गया।
रोहतासगढ़ किले के दर्शनीय स्थल
रोहतासगढ़ किला अपने स्मारकों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं:
जामा मस्जिद: शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित, यह मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है।
हब्श खां का मकबरा: यह मकबरा अपनी राजस्थानी शैली की वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
मान सिंह परिसर: इस परिसर में कई महल, मंडप और उद्यान हैं, जो मुगल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं।
गणेश मंदिर और रोहतासन देवी मंदिर: ये प्राचीन मंदिर किले के धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।
रोहतासगढ़ किले का अनुभव
आज, भले ही यह किला खंडहर में है, फिर भी यह ट्रेकिंग, फोटोग्राफी और हेरिटेज वॉक के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। किले के चारों ओर 42 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, जो रोमांचक ट्रेकिंग और अन्वेषण के अवसर प्रदान करता है। यहां घने जंगल और ऐतिहासिक स्मारक हैं, जो फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श वातावरण बनाते हैं।
रोहतासगढ़ किले तक कैसे पहुंचे
रोहतासगढ़ किले तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल के बीच है। आप सासाराम से निजी टैक्सी या स्थानीय गाइड किराए पर ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सासाराम और डेहरी-ऑन-सोन हैं, और निकटतम हवाई अड्डा गया है।
रोहतासगढ़ किले में कहां ठहरें
रोहतासगढ़ किले की यात्रा के दौरान ठहरने के लिए सासाराम एक अच्छा विकल्प है। यहां आपको बजट के अनुकूल होटल और गेस्ट हाउस मिल जाएंगे।
रोहतासगढ़ किले: एक अविस्मरणीय अनुभव
रोहतासगढ़ किला एक ऐसा गंतव्य है जो इतिहास, वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है। यदि आप भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का पता लगाना चाहते हैं, तो यह किला निश्चित रूप से आपकी यात्रा सूची में होना चाहिए।
स्थानीय भोजन और संस्कृति
इस क्षेत्र में लिट्टी-चोखा, सत्तू पराठा और सत्तू का शरबत जैसे पारंपरिक बिहारी व्यंजन व्यापक रूप से पसंद किए जाते हैं। ये व्यंजन अपनी सादगी और पौष्टिकता के लिए जाने जाते हैं। सासाराम में स्ट्रीट फूड के रूप में लिट्टी के स्थानीय प्रकार (जैसे चिकन/फिश लिट्टी) भी लोकप्रिय हो रहे हैं, जो भोजन प्रेमियों के लिए एक दिलचस्प अनुभव हो सकता है। सांस्कृतिक रूप से, छठ पर्व के अवसर पर रोहतास जिले में सोन नदी के तट लोक-गायन और प्रदर्शन से जीवंत हो उठते हैं, जो क्षेत्रीय आस्था और लोक संस्कृति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन है।
निष्कर्ष
रोहतासगढ़ किला एक ऐसा स्थान है जहाँ इतिहास, वास्तुकला, प्रकृति और रोमांच एक साथ मिलते हैं। मान सिंह परिसर से लेकर जामा मस्जिद और पहाड़ी मंदिरों तक, यहां हर कोने में एक नई कहानी छिपी है। बेहतर मौसम, स्थानीय गाइड और सासाराम से नियोजित दिन-यात्रा की रणनीति अपनाकर, इस दुर्गम लेकिन अद्वितीय धरोहर को सहज, सुरक्षित और यादगार तरीके से देखा जा सकता है।

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