UPITS 2025: ग्रेटर नोएडा में तीसरा अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो, रूस पार्टनर

उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) का तीसरा एडिशन ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर को होने वाला है। इस बार रूस हमारा 'पार्टनर कंट्री' रहेगा। पांच दिन तक चलने वाले इस इवेंट में दुनिया भर के और हमारे देश के उद्योगों, छोटे-मोटे कारोबारियों (MSME), 'एक जिला, एक उत्पाद' (ODOP) स्कीम के तहत काम करने वालों और नए स्टार्टअप्स के लिए बाजार में तरक्की करने, निवेश जुटाने और अपना माल बाहर भेजने के मौके बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।

यह आयोजन क्यों है खास

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने UPITS शुरू किया है। इसका मकसद राज्य के उद्योग, खेती से जुड़े कारोबार, हस्तशिल्प, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, डिफेंस और एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और सर्विस सेक्टर को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाना है। हर साल होने वाला ये इवेंट इस बार और भी खास होने वाला है। यहां पर देश-विदेश के खरीदार, निवेशक और पॉलिसी बनाने वाले लोग एक साथ मिलेंगे।
  • इस बार रूस का 'पार्टनर कंट्री' बनना बहुत बड़ी बात है। इससे एनर्जी, भारी मशीनरी, फार्मा, खेती से जुड़े कारोबार, एजुकेशन और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टरों में बिजनेस को लेकर बातचीत और आगे बढ़ने की उम्मीद है। इस इवेंट में बिजनेस से जुड़े लोगों की मीटिंग (B2B कनेक्ट), अलग-अलग थीम पर बने पंडाल, सामान की प्रदर्शनी और जानकारी शेयर करने के सेशन होंगे।
  • इस प्रोग्राम का मेन मकसद है कि अलग-अलग बाजारों तक पहुंच बनाई जाए, एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए, सामान की कीमत बढ़ाई जाए और सप्लाई चेन को मजबूत किया जाए। साथ ही, ये मंच उत्तर प्रदेश के MSME और ODOP कारोबारियों को दुनिया भर के खरीदारों तक पहुंचने का मौका देगा।

कब और कहां होगा

  • UPITS 2025, 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के एक बड़े प्रदर्शनी ग्राउंड में होगा। पांच दिनों तक चलने वाले इस प्रोग्राम में अलग-अलग सेक्टरों के पवेलियन, लाइव डेमो, नए प्रोडक्ट लॉन्च, तकनीकी सेशन और लोगों को आपस में मिलने-जुलने के मौके मिलेंगे।
  • ग्रेटर नोएडा को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये दिल्ली-एनसीआर, नोएडा-यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल बेल्ट और उत्तर भारत के दूसरे बाजारों से आसानी से जुड़ा हुआ है। ये जगह बड़े कॉन्फ्रेंस, प्रदर्शनी और खरीदार-विक्रेता की मीटिंग के लिए एकदम सही है।
  • इस इवेंट में इंडस्ट्री के लोगों के दौरे, खरीदार-सप्लायर की मुलाकातें और सेक्टर के हिसाब से पैनल डिस्कशन होंगे। इसका मकसद है कि कारोबारियों को असली ऑर्डर मिलें, डिस्ट्रीब्यूशन के लिए टाई-अप हों और इन्वेस्टमेंट को लेकर बातचीत हो।

पार्टनर कंट्री के तौर पर रूस

  • रूस 'पार्टनर कंट्री' के तौर पर अपने देश का पवेलियन लगाएगा, जिसमें अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां और बिजनेस से जुड़े लोग शामिल होंगे। इंडस्ट्रियल मशीनरी, तेल-गैस और एनर्जी टेक्नोलॉजी, खेती के उपकरण, आईटी सॉल्यूशन, दवाइयां और हेल्थकेयर डिवाइस, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट में साझेदारी और फूड प्रोसेसिंग में सहयोग जैसे सेक्टर पर ध्यान दिया जाएगा।
  • भारत और रूस का इंडस्ट्रियल और टेक्नोलॉजी सहयोग का इतिहास बहुत पुराना है। UPITS में इस साझेदारी से कंपनियों के बीच जॉइंट वेंचर, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और नए सप्लाई चेन रूट पर बातचीत को बढ़ावा मिल सकता है। खासकर उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर, इंजीनियरिंग गुड्स और खेती से जुड़ी मशीनरी बनाने वाले कारोबारियों के लिए अच्छे मौके हैं।
  • रूस के शामिल होने से यहां के कारोबारियों को पूर्वी यूरोप और उत्तरी एशिया के बाजारों की डिमांड, स्टैंडर्ड और लॉजिस्टिक्स के बारे में सीधी जानकारी मिलेगी। इससे प्रोडक्ट को बेहतर बनाने, क्वालिटी स्टैंडर्ड को बनाए रखने और एक्सपोर्ट की स्ट्रेटेजी बनाने में मदद मिलेगी।

किन सेक्टरों पर होगा फोकस

  • UPITS का फोकस राज्य के अलग-अलग इंडस्ट्री पर है। ODOP के तहत 75 जिलों के खास प्रोडक्ट, जैसे भदोही की कालीन, मुरादाबाद का पीतल, फिरोजाबाद का कांच, बनारस की सिल्क, कन्नौज का इत्र, सहारनपुर का वुडक्राफ्ट, इंटरनेशनल खरीदारों के सामने खास तौर पर दिखाए जाएंगे।
  • मैन्युफैक्चरिंग में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल के पार्ट्स, ऑटो-पार्ट्स, प्लास्टिक और पैकेजिंग, इंजीनियरिंग गुड्स और खिलौना इंडस्ट्री पर ध्यान दिया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग में डेयरी, फल-सब्जी से जुड़े प्रोडक्ट, बाजरा से बने प्रोडक्ट, मसाले और रेडी-टू-कुक/ईट कैटेगरी को प्रमोट करने की प्लानिंग है।
  • सर्विस सेक्टर में आईटी-आईटीईएस, एनीमेशन-वीएफएक्स, फिनटेक, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और पर्यटन-हॉस्पिटैलिटी भी शामिल हैं। हर सेक्टर के लिए अलग से जानकारी देने वाले सेशन होंगे और नियमों के बारे में अपडेट दिया जाएगा, ताकि कारोबारियों को पॉलिसी से जुड़ी जानकारी मिल सके।

MSME, ODOP और स्टार्टअप्स के लिए क्या है

  • MSME और ODOP कारोबार UPITS के सेंटर में हैं। इस मंच पर छोटे और मध्यम कारोबारियों को बड़े खरीदारों, ई-मार्केटप्लेस, मॉडर्न रिटेल और एक्सपोर्ट करने वालों से सीधा जुड़ने का मौका मिलेगा। इससे ऑर्डर लेने, ब्रांडिंग करने, पैकेजिंग को बेहतर बनाने और क्वालिटी सर्टिफिकेट लेने जैसे कामों में मदद मिलेगी।
  • स्टार्टअप्स के लिए इंडस्ट्री की प्रॉब्लम को सॉल्व करने, PoC (प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट) पायलट और कॉर्पोरेट-स्टार्टअप कोलैबोरेशन के मौके मिलेंगे। एग्री-टेक, फूड-टेक, सप्लाई-चेन, क्लीनटेक और डीप-टेक कंपनियों के लिए इन्वेस्टर और इंडस्ट्री पार्टनर के साथ बातचीत करने का मंच होगा।
  • महिला स्वयं सहायता समूहों और कारीगर समूहों को भी अपने प्रोडक्ट दिखाने का मौका मिलेगा। डिजाइन को बेहतर बनाने, जीआई-टैग प्रोडक्ट को प्रमोट करने और एक्सपोर्ट के डॉक्यूमेंट और स्टैंडर्ड के बारे में जानकारी देने वाले सेशन से बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

बिजनेस, इन्वेस्टमेंट और एक्सपोर्ट पर क्या होगा असर

  • पांच दिन के इस शो का मेन मकसद बिजनेस को बढ़ावा देना है। खरीदार-विक्रेता की मुलाकातें और सेक्टर के हिसाब से नेटवर्किंग कंपनियों को नए बाजारों में एंट्री करने, डिस्ट्रीब्यूटर बनाने और चैनल पार्टनरशिप करने में मदद करेंगी। इससे एक्सपोर्ट और सामान की कीमत बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • इन्वेस्टमेंट के नजरिए से देखें तो, इंडस्ट्री का ध्यान इंडस्ट्रियल पार्क, प्लग-एंड-प्ले शेड, वेयरहाउसिंग क्लस्टर और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर जाएगा। पॉलिसी में स्थिरता, अप्रूवल प्रोसेस में आसानी और स्किल्ड मैनपावर की उपलब्धता जैसे फैक्टर इन्वेस्टमेंट के फैसले को असर डालते हैं—इन पर सही जानकारी शेयर की जाएगी।
  • लोकल इकोनॉमी पर भी अच्छा असर पड़ने की उम्मीद है—हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, कैब, इवेंट सर्विस और दूसरे उद्योगों में काम बढ़ेगा और लोगों को थोड़े समय के लिए रोजगार मिलेगा। लंबे समय में, सफल बिजनेस रिलेशन और ऑर्डर मिलने से प्रोडक्शन, एक्सपोर्ट और वैल्यू चेन अपग्रेडेशन को बढ़ावा मिलेगा।

लॉजिस्टिक्स, सिक्योरिटी और विजिटर के लिए सुविधाएं

  • इतने बड़े इवेंट में आने वालों के लिए आसानी और सिक्योरिटी सबसे जरूरी है। प्रदर्शनी ग्राउंड तक सड़क, एक्सप्रेसवे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से कनेक्टिविटी अच्छी है। पार्किंग, भीड़ को कंट्रोल करने और इमरजेंसी में मदद के लिए सिक्योरिटी के इंतजाम किए जाएंगे।
  • आने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन डेस्क, कियोस्क, फ्लोर-मैप, मोबाइल/डिजिटल गाइड और हेल्पडेस्क जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे उन्हें घूमने में आसानी होगी। प्रदर्शकों के लिए बूथ सर्विस, लोडिंग-अनलोडिंग स्लॉट, टेक्निकल सपोर्ट और ऑन-साइट मेंटेनेंस की व्यवस्थाएं होंगी, जिससे शो अच्छे से चलेगा।
  • लैंग्वेज हेल्प, बिजनेस लाउंज, मीटिंग रूम और कैटरिंग जैसी सुविधाएं इंटरनेशनल मेहमानों और खरीदारों के लिए काम आएंगी। हेल्थ और सेफ्टी स्टैंडर्ड का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

पहले के दो एडिशन कैसे थे

  • UPITS के पहले के एडिशन ने राज्य के इंडस्ट्रियल और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई। ODOP प्रोडक्ट की बड़ी प्रदर्शनी, अलग-अलग सेक्टर के पैनल और खरीदार-विक्रेता की मीटिंग से कारोबारियों को बाजार के बारे में जानकारी मिली।
  • पहले दो एडिशन से ये पता चला है कि इस तरह के बड़े इवेंट से ब्रांड की पहचान बढ़ती है, प्रोडक्ट कैटेगरी की वैल्यू बढ़ती है और पैकेजिंग/डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए अच्छा फीडबैक मिलता है। साथ ही, एक्सपोर्ट स्टैंडर्ड, सर्टिफिकेट और नियमों के बारे में कारोबारियों की समझ बेहतर होती है।
  • इन इवेंट से मिली सीख, जैसे कि कुछ कैटेगरी में कीमत को लेकर कॉम्पिटिशन, समय पर डिलीवरी और क्वालिटी को बनाए रखना, को ध्यान में रखते हुए इस बार सेक्टर के हिसाब से सेशन और पार्टनरशिप पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

आगे क्या हो सकता है

  • शो के दौरान हुई बिजनेस से जुड़ी बातचीत और एग्रीमेंट को पूरा करने के लिए इवेंट के बाद भी फॉलो-अप करना जरूरी होगा। सेक्टर के हिसाब से टास्क फोर्स, एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कैंपेन और बाजार को अलग-अलग हिस्सों में बांटने की प्लानिंग के जरिए रिजल्ट को ट्रैक करने की जरूरत होगी।
  • रूस के साथ टेक्नोलॉजी सहयोग और जॉइंट वेंचर की संभावनाओं पर डिटेल में रोडमैप बनाना अगला कदम होगा। मैन्युफैक्चरिंग, एग्री-प्रोसेसिंग, फार्मा और मशीनरी जैसे सेक्टर में स्टैंडर्ड और क्वालिटी सहयोग से प्रोडक्ट कॉम्पिटिशन बढ़ेगा।
  • लंबे समय में UPITS जैसे प्लेटफॉर्म राज्य की 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के टारगेट को पूरा करने के लिए इन्वेस्टमेंट, रोजगार और एक्सपोर्ट बढ़ाने का जरिया बनेंगे। लगातार पॉलिसी सपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और स्किल डेवलपमेंट के साथ ये प्रोसेस और तेज हो सकती है।

आखिर में

UPITS 2025 का तीसरा एडिशन 25-29 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में राज्य के इंडस्ट्रियल, हैंडीक्राफ्ट और सर्विस सेक्टर को ग्लोबल मंच देने जा रहा है। रूस के 'पार्टनर कंट्री' बनने से टेक्नोलॉजी सहयोग, जॉइंट प्रोडक्शन और नए बाजारों तक पहुंच की उम्मीदें बढ़ेंगी। MSME, ODOP, स्टार्टअप और बड़े इंडस्ट्री के लिए ये इवेंट खरीदार-विक्रेता से जुड़ने, इन्वेस्टमेंट पर बात करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने का अच्छा मौका देगा। इवेंट के बाद सही से फॉलो-अप और सेक्टर के हिसाब से रोडमैप बनाना ही इसे अच्छे रिजल्ट में बदलने की कुंजी होगी।

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