दिल्ली में पैरा एथलेटिक्स का महाकुंभ: दुनिया भर के खिलाड़ी, जोश और जुनून का संगम!

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में इतिहास रचा जाएगा, भारत पहली बार वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है! लगभग 1100 से 2200 एथलीट अपना दमखम दिखाएंगे, और 186 मेडल्स दांव पर होंगे।

भारत की सबसे बड़ी टीम उतरेगी। दीप्थी जीवनजी जैसी धाकड़ खिलाड़ी पहले ही दिन मैदान में उतरेंगी। पूरा शेड्यूल और खिलाड़ियों की जानकारी जारी कर दी गई है।

मुख्य खबर:

  • आज से, यानी 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक, दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का धमाका होने वाला है। आयोजकों का कहना है कि ऐसा पैरा स्पोर्ट्स इवेंट भारत में पहले कभी नहीं हुआ। 100 से ज़्यादा देशों के लगभग 1100 एथलीट इसमें हिस्सा ले रहे हैं, और कुल मिलाकर 186 मेडल्स के लिए ज़ोर-आजमाइश होगी। पिछले साल कोबे में जो चैंपियनशिप हुई थी, उससे भी 15 ज़्यादा मेडल्स इस बार दांव पर हैं।
  • इवेंट की डिटेल्स के मुताबिक, खिलाड़ियों का क्लासिफिकेशन 23 से 26 सितंबर के बीच हुआ। 27 सितंबर से मुकाबले शुरू हो रहे हैं। ये वही स्टेडियम है जिसे 1982 के एशियन गेम्स और 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए बढ़िया बनाया गया था, जिसमें 60,000 लोगों के बैठने की जगह है। इसका रखरखाव स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया करती है।
  • भारत की अब तक की सबसे बड़ी टीम (73 खिलाड़ी) मैदान में है। सबका टारगेट है कि कोबे 2024 में जो 17 मेडल जीते थे, उससे बेहतर प्रदर्शन किया जाए। पहले दिन, दीप्थी जीवनजी, जो महिलाओं की 400 मीटर T20 (यानी इंटेलेक्चुअल इम्पेयरमेंट) में खेलती हैं, ट्रैक पर उतरेंगी। उन्होंने 2024 में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी और फिर पेरिस पैरालिम्पिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था। इसलिए, घर में खेल रही दीप्थी से सबको बहुत उम्मीदें हैं।
  • शेड्यूल के हिसाब से, 27 सितंबर को सुबह 9:22 पर दीप्थी की हीट है। फिर 10:22 पर महिलाओं का जेवलिन F45/46 का फाइनल है। शाम को डिस्कस F53, शॉट पुट F37 और हाई जंप T63 जैसे फाइनल हैं, जिनमें भारतीय खिलाड़ी भी हिस्सा ले रहे हैं। इसका मतलब है कि पहले ही दिन मेडल मिलने की पूरी संभावना है।
  • इस इवेंट का महत्व सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं है। इससे पैरा-स्पोर्ट्स के लिए ज़रूरी ढांचा, टैलेंट की पहचान, कोचिंग और खिलाड़ियों की अलग-अलग कैटेगरी (क्लासिफिकेशन) तय करने जैसे सिस्टम पर भी अच्छा असर पड़ेगा। ऐसे बड़े इवेंट से जो एक्सपीरियंस मिलता है, उससे आगे चलकर और भी बड़े स्पोर्ट्स इवेंट आयोजित करने में मदद मिलेगी, और समाज में सबको साथ लेकर चलने का मैसेज भी फैलेगा।
  • भारत सरकार और इवेंट को आयोजित करने वाली संस्थाएं लॉजिस्टिक्स, स्टेडियम तक पहुंचने में आसानी और टीवी पर ज़्यादा से ज़्यादा कवरेज पर ध्यान दे रही हैं। इससे देश के दर्शकों को भी जुड़ने का मौका मिलेगा और दुनिया में भारत की एक अच्छी छवि बनेगी।
  • शुरुआती दिनों में कैसा प्रदर्शन रहता है, इससे पता चल जाएगा कि भारत कितने मेडल जीत सकता है। घर में खेलने का फायदा, खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं और बड़ी टीम की वजह से रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन की उम्मीद है। इसका असर खेल से जुड़ी सरकारी योजनाओं और ज़मीनी स्तर पर पैरा-स्पोर्ट्स के विकास पर लंबे समय तक दिखेगा।

Raviopedia

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