भारतीय तटरक्षक बल (ICG) का जहाज 'अक्षर' कराइक्कल पोर्ट पर शामिल हो गया है। इससे अब तट की निगरानी और खोज एवं बचाव (SAR) कार्य और भी तेज़ी से हो पाएंगे। साथ ही, जहाजों की सुरक्षा और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में गश्त करने की क्षमता भी बढ़ेगी। माना जा रहा है कि यह कदम त्योहारों और मछली पकड़ने के सीज़न से पहले समुद्र में निगरानी बढ़ाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है।
क्या हुआ:
आज, भारतीय तटरक्षक बल का नया जहाज 'अक्षर' कराइक्कल पोर्ट पर पूरे सम्मान के साथ शामिल किया गया। इससे समुद्र में निगरानी रखने, लोगों को बचाने (खोज एवं बचाव), प्रदूषण रोकने और EEZ में गश्त करने जैसे कामों में ICG की ताकत और बढ़ जाएगी।
क्यों हुआ:
समुद्र में जहाजों की बढ़ती संख्या, मछली पकड़ने की गतिविधियों और तट पर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए, ICG के जहाजों को आधुनिक बनाना बहुत ज़रूरी हो गया था। 'अक्षर' इसी आधुनिकीकरण और क्षमता को बढ़ाने की कोशिश का हिस्सा है।
किस पर असर:
तटीय राज्यों, मछुआरों, पोर्ट अथॉरिटीज़ (बंदरगाह प्राधिकरण) और समुद्र में बने ढांचों को अब बेहतर सुरक्षा मिलेगी और वे जल्दी प्रतिक्रिया कर पाएंगे। इसके अलावा, समुद्री कानून को लागू करने की पहुंच और गति भी बढ़ेगी।
प्रतिक्रियाएं:
स्कूलों में होने वाली सभाओं में 'अक्षर' के शामिल होने को भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया गया। इससे कामकाज की तैयारी और तटीय तालमेल दोनों बेहतर होंगे।
जानकारी:
हाल के सालों में, तटरक्षक बल में गश्ती जहाजों, तेज़ नावों और हवाई जहाजों की संख्या बढ़ाई गई है। इससे EEZ की निगरानी, तस्करी रोकने के अभियानों और आपदाओं में तेज़ी से मदद पहुंचाने में मदद मिलेगी।
विश्लेषण:
'अक्षर' के आने से पूर्वी तट पर निगरानी और नियंत्रण का नेटवर्क और भी मज़बूत हो जाएगा। इससे खराब मौसम, तूफ़ान या समुद्री दुर्घटनाओं के समय लोगों को बचाने के अभियानों (SAR) की सफलता की संभावना बढ़ेगी और प्रदूषण जैसी आपदाओं से निपटने की क्षमता भी बेहतर होगी।
निष्कर्ष:
त्योहारों के मौसम में समुद्र में ज़्यादा हलचल होने की वजह से ICG की गश्त और दूसरी एजेंसियों के साथ अभ्यास और तेज़ किए जाएंगे। 'अक्षर' जैसे जहाजों के साथ, निगरानी और प्रतिक्रिया का दायरा और असर दोनों बढ़ेंगे।
