सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को नहीं बदला है। इसका मतलब है कि अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक PPF, NSC, सुकन्या समृद्धि योजना और KVP जैसी योजनाओं पर ब्याज दरें पहले जैसी ही रहेंगी। इस फैसले से उन छोटे निवेशकों को फायदा होगा जो बैंक FD की गिरती ब्याज दरों से परेशान हैं।
मुख्य खबर:
3 अक्टूबर 2025 को वित्त मंत्रालय ने बताया कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक स्थिर रहेंगी।
इसका मतलब है कि:
- PPF पर ब्याज दर 7.1% रहेगी।
- NSC पर ब्याज दर 7.7% रहेगी।
- सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.2% रहेगी।
- KVP पर ब्याज दर 7.5% रहेगी (यह योजना 115 महीनों में मैच्योर होती है)।
- पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर ब्याज दर 4% रहेगी।
यह लगातार सातवीं तिमाही है जब ब्याज दरें स्थिर रखी गई हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि छोटे निवेशकों को उनकी बचत पर अच्छा रिटर्न मिलता रहे, खासकर तब जब बैंक FD की ब्याज दरें कम हो रही हैं।
ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन महीने में होती है। यह समीक्षा श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इस समिति का मकसद बाजार से मिलने वाले रिटर्न और बचत की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना है।यह फैसला क्यों हुआ और इसका क्या असर होगा?
अक्टूबर-दिसंबर के महीनों में त्योहारों की वजह से लोग खूब खरीदारी करते हैं। ऐसे में सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखकर यह संदेश दिया है कि वह जमाकर्ताओं की आय को स्थिर रखना चाहती है। ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि बॉन्ड यील्ड कम हो रही है और RBI ने भी ब्याज दरों में कटौती करने का संकेत दिया है।
इस फैसले से वरिष्ठ नागरिकों, बेटियों के लिए बचत करने वाले परिवारों और टैक्स बचाने के लिए लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले लोगों को फायदा होगा। उन्हें पता रहेगा कि उनकी बचत पर कितना रिटर्न मिलेगा।
बैंकों के लिए इसका मतलब है कि उन्हें जमा जुटाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी, क्योंकि छोटी बचत योजनाएं निवेशकों को अच्छा विकल्प दे रही हैं, भले ही FD की ब्याज दरें कम हों।
आधिकारिक जानकारी:
आर्थिक मामलों के विभाग ने बताया है कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जो ब्याज दरें थीं, वही तीसरी तिमाही में भी जारी रहेंगी।
पिछली जानकारी:
आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव 2023-24 की चौथी तिमाही में हुआ था। तब से सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है ताकि महंगाई के हिसाब से मिलने वाले रिटर्न में अचानक गिरावट न आए।
श्यामला गोपीनाथ समिति गिल्ट यील्ड से जुड़ी बेंचमार्किंग की सिफारिश करती है, लेकिन सरकार सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए थोड़ा-बहुत बदलाव करती रहती है।
त्योहारी सीजन में लोग सोना, म्यूचुअल फंड, बीमा और खरीदारी में भी पैसा लगाते हैं। ऐसे में छोटी बचत योजनाओं का स्थिर रहना यह सुनिश्चित करता है कि लोगों के पास निवेश करने का एक सुरक्षित विकल्प हमेशा मौजूद रहे।
असर और विश्लेषण:
ब्याज दरों के स्थिर रहने से महंगाई के हिसाब से मिलने वाले रिटर्न को सहारा मिलेगा। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति और खर्च करने की क्षमता पर अच्छा असर पड़ेगा।
PPF पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज दर मिलने से लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए निवेश करने वाले लोग अपने पोर्टफोलियो में सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
बैंक FD और छोटी बचत योजनाओं के बीच प्रतिस्पर्धा बनी रहने से ब्याज दरों में बहुत ज्यादा गिरावट आने की संभावना कम है, खासकर बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों में।
आगे क्या होगा?
दिसंबर के अंत में वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही के लिए ब्याज दरों की फिर से समीक्षा होगी। अगर बॉन्ड यील्ड और CPI में कोई बड़ा बदलाव होता है, तो कुछ योजनाओं में थोड़ा-बहुत बदलाव किया जा सकता है। लेकिन तब तक निवेशक मौजूदा दरों पर निवेश कर सकते हैं।
