मुख्य बातें:
- आरबीआई 8 अक्टूबर से डिपॉजिट टोकनाइजेशन का पायलट प्रोग्राम शुरू करेगा। इसका मकसद लेन-देन को और आसान बनाना है।
- एनपीसीआई (NPCI) ने एक नई कंपनी, NTSL बनाई है, जो पेमेंट के सिस्टम को बेहतर बनाने पर काम करेगी।
- वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2026-27 में 6.3% की दर से बढ़ेगी। पहले यह अनुमान 6.5% था।
विस्तार से:
आरबीआई (RBI) बैंकों में जमा पैसे को डिजिटल टोकन में बदलने की तैयारी कर रहा है। इससे लेन-देन में रिस्क कम होगा और काम जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी। यह सिस्टम 8 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।
इसी के साथ, एनपीसीआई (NPCI) ने एक नई कंपनी NTSL शुरू की है। यह कंपनी पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए नए-नए तरीके खोजेगी और उस पर काम करेगी। इससे पेमेंट करने के तरीके में तेज़ी आएगी।
इसके अलावा, विदेशी मुद्रा के लेन-देन को आसान बनाने के लिए FX-Retail Link जैसी योजनाएँ भी शुरू की गई हैं। इससे डॉलर के लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
अगर दुनिया भर की बात करें तो वर्ल्ड बैंक ने 2026-27 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.3% रखा है। उनका कहना है कि सुधारों को लागू करने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। हालाँकि, 2026 में विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है।
बैंक और बीमा कंपनियाँ अपने ब्रांड को नया रूप दे रही हैं और नए प्रोडक्ट लॉन्च कर रही हैं। इससे बाजार में मुकाबला बढ़ेगा और ग्राहकों के पास ज़्यादा ऑप्शन होंगे।
आगे क्या:
आने वाले महीनों में, यह देखना होगा कि टोकनाइजेशन पायलट प्रोग्राम कितना सफल होता है और फिनटेक के लिए नियम कैसे बनाए जाते हैं। इसके साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि सरकार विकास दर को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाती है।
