अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब इलाके में शांति और आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को लेकर मिलकर काम करने की काफ़ी ज़रूरत है।
मुख्य समाचार:
9 अक्टूबर, 2025 को तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत पहुँचे। इस दौरे से दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते खुल सकते हैं और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर भी नए सिरे से बात हो सकती है।
भारत के लिए यह दौरा सुरक्षा, मानवीय मदद और अफ़ग़ानिस्तान की जनता के हितों से जुड़े सवालों पर अपनी बात रखने का एक मौका है।
माना जा रहा है कि मुलाकातों के दौरान सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और व्यापार को फिर से शुरू करने जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है।
राजनीतिक नज़रिए से देखें तो यह दौरा दिखाता है कि भारत अपने क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए बातचीत के दरवाज़े खुले रखना चाहता है। हालाँकि, अफ़ग़ानिस्तान को मान्यता देने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भारत का रवैया काफ़ी सोच-समझकर और धीरे-धीरे आगे बढ़ने वाला होगा।
आगे की राह:
सबकी नज़रें अगली बैठकों और साझा बयानों पर रहेंगी। इनसे पता चलेगा कि मानवीय सहायता, शिक्षा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किस तरह से मिलकर काम किया जा सकता है।
