रूस ने अपने मिसाइल परीक्षण को जायज़ ठहराया, जिससे पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ गई। यूक्रेन युद्ध और हथियार नियंत्रण पर अनिश्चितता के बीच, वैश्विक बाज़ारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला।
मुख्य समाचार:
रूस ने एक परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया और उसे अपनी सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताया। उनका कहना है कि मौजूदा खतरे को देखते हुए यह कदम उठाना ज़रूरी था। पश्चिमी देशों का मानना है कि इससे हथियार नियंत्रण समझौते और कमज़ोर होंगे। इस बीच, यूक्रेन में ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरें आ रही हैं।
जानकारों का कहना है कि इस परीक्षण से यूरोप की सुरक्षा पर दबाव बढ़ेगा और नाटो की पूर्वी सीमाएँ भी प्रभावित होंगी।
रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई कभी तेज़ होती है तो कभी धीमी, जिससे दुनिया भर में डर का माहौल है। हालाँकि, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर कुछ अच्छी खबरें आने से बाज़ारों को थोड़ा सहारा मिला है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भीdiplomatic हलचल तेज़ है। मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच शिखर वार्ताएँ और समझौते हो रहे हैं, जो दुनिया में शक्ति संतुलन बनाए रखने की कोशिशों को दर्शाते हैं। हथियार नियंत्रण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पारदर्शिता और बातचीत कम हो जाए तो गलतफहमी होने का खतरा बढ़ जाता है।
असर और विश्लेषण:
रूस के इस कदम से यूरोप में सुरक्षा की स्थिति और ऊर्जा बाज़ारों में उथल-पुथल मच सकती है। यूक्रेन में चल रही लड़ाई को सुलझाने की कोशिशों पर भी दबाव बढ़ेगा।
बाज़ार में जोखिम लेने का माहौल बनते ही तेज़ी आ सकती है, लेकिन रक्षा और ऊर्जा से जुड़ी खबरों के कारण लोग सुरक्षित जगहों पर निवेश करने से बाज़ नहीं आएँगे। दुनिया भर की संस्थाएँ बातचीत और पारदर्शिता बढ़ाने की अपील कर रही हैं ताकि हालात बेकाबू न हों।
निष्कर्ष और आगे की राह:
आने वाले हफ्तों में रूस और पश्चिमी देशों के बीच बयानबाज़ी और सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखनी होगी। किसी भी बातचीत या समझौते की पहल को खतरे को कम करने के लिए अहम माना जाएगा।
